डोर
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वादों का
डोर टूट गया !!
अब निहारता हुँ आसमाँ पर
तेरे काले वादे बादल बन
उड़ते हैं, बरसने को !!
सुखी बंजर जमीन पर
फिर कोई वादा होगा ??
झूठा वादा होगा ??
सोचता हुँ ??
ऐसे हरियाली के वादे
अनगिनत वादे रोज टूटते होंगे !!.
पृथ्वी के हर कोने पर
और ऐसे ही निहारता होगा !!
आसमाँ को पीड़ित इंसान
नास्तिक बनकर
ईश्वर को नकार कर !!
धोखा देने सीख जाता होगा !!
इस तरह सच्चे प्रेमी
दुनिया में खत्म हो रहे !!
गौरेया की तरह
एक दिन लुप्त प्राणी के श्रेणी में
होंगे सच्चे प्रेमी !!
टाँगा जाएगा फोटो फ्रेम
किसी अजायबघर में !!
इंसान का अगली पीढ़ी
टिकट लेकर देखने आएगा !!
प्रेमियों का इतिहास
इनकी प्रमुख गलतियाँ !!
© नवीन किशोर महतो
29 फरवरी 208
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