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कोरसोंग

हमलोग हैं पश्चिम बंगाल के बहुत ही सुंदर स्थान पर प्रकृति के गोद मेंं बसा छोटा सा जगह कोरसोंग का डॉल हिल स्टेशन !! 
ये भारत का सबसे डरावनी जगह के रूप में जाना जाता है l
कहानी अपने आप नहीं बनती है, हर कहानी में एक किरदार छिपा होता है !! 
पर्दे के पीछे या फिर सामने खड़ा होता है !!
हम पहचान नहीं पाते, उस रात बारिश बहुत तेज हो रही थी l
जैसे अभी आसमान फटकर जमीन पर गिर जाएगा !! 
बिजली की तेज चमक किसी तीव्र ज्वालामुखी की तरह अचानक चमक उठता, फिर शांत हो जा रहा था !! 
मैंने कहा था, 
           आज निकलना सही नहीं है !! 
अब देखो इस जंगल के विरान से रेस्ट हाउस में रात बिताना पड़ रहा है l
यहाँ से कितना दुर होगा सिलीगुड़ी गूगल मैप में देखो न फालतु इस जगह पर ठहरें हैं जैसा लग रहा है l
अबे, राकेश यहाँ से एक घंटा का रास्ता है, चलो निकलते हैं !! 
मैंने सुना है, कोरसोंग भारत का सबसे भुतहा रोड है, यहाँ पर एक सिर कटा बच्चा रात में निकलता है ! 
बहुत सारे लोग मारे भी गए हैं l
अबे तुम तो बेकार टेंशन लेते हो !! 
राकेश झुंझला कर बोलने लगा...... 
इतने में विकास यू ट्यूब में कोरसोंग पर हुए घटनाओं का वीडियो दिखाने लग गया !! 
ये देखकर राकेश भी सहम गया, लेकिन आधी रात तब तक हो चुकी थी !! 
इस छोटे से रेस्ट हाउस में रात तो बिताना पड़ेगा, अब कोई जरिया नहीं था, 
सिलीगुड़ी तक जाने के लिए शाम तक बस मिल ही जाता है, लेकिन मौसम खराब होने की वज़ह से आज बस भी दूसरे दिनों की तरह नहीं चला था !! 
इतने में.... 
 विकास फिर उस होटल का कहानी देखने लग गया जहाँ बहुत सारे लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो चुकी है l
राकेश ये देखो, 
हमलोग जहाँ ठहरे हैं, यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है वो होटल 500 मीटर की दूरी दिखा रहा है !! 
अब क्या किया जाए यार , 
  ऑनर को बुला भी नहीं सकते हैं... 
अच्छा सुनो, खाना पहुँचाने वाला से पुछ लेंगे  
क्या सच है, क्या फ़साना 
बहुत सारी कहानी मनगढ़ंत भी होती है 
बस इन्टरनेट पर लाइक के चक्कर पर डाल देता है ! 
वैसे भी तुमको तो पता है लोग डरावनी स्टोरी बहुत पसंद करते हैं l
इतने में डोर नॉक हुआ,,,, 
सर, खाना लाया हुँ !! 
विकास घबराते हुए, राकेश को बोलने लगा  
सुनो भाई इस आदमी से पुछ ही लेते हैं !! 
और राकेश दरवाजा खोला..... 
सर टेबल पर रख दे रहा हुँ !! 
हाँ ठीक है... 
राकेश, 
         सुनो तुम्हारा क्या नाम है ? 
सर, आमार नाम जॉयदीप दास 
     केनो सार, कि होलो ?? 
अच्छा सुनो जॉयदीप बाबु तुमको तो पता होगा, सिर कटा बच्चा के बारे में जो रात में यहाँ घुमता है !! 
हें साब, आमी सब जानी  
यहाँ साहब होटल मालिक रात में नहिं रुकता है 
सब घोर चाला जाता है !! 
यहाँ शाम होने के बाद सड़क विरान हो जाता है, दूर दूर तक किसी मानुष का नामोनिशान नहीं, कभी कभी स्थानीय लोग एक आध दिख जाता है !! 
तो जॉयदीप बाबु तुम यहाँ नौकरी क्यों करते हो 
कोलकाता तरफ तो तुमको अच्छा खासा काम मिल सकता है !! 
हें साब, 
          आमी जानी लेकिन हम पढ़ा लिखा नहीं है !! 
अच्छा सुनो जॉयदीप बाबु तुम कभी देखे हो सिर कटा बच्चा को ... 
या कभी ऐसा महसुस हुआ है !! 
एक बार अपनी आँखों से देखा था साहब, 
मैं रोज की तरह सब्जी खरीदने बाजार गया था !! 
आते समय थोड़ा लेट हो गया साहब !! 
जंगल के रास्ते से मैं गुनगुनाते हुए आ रहा था , 
साब हमार एई जीवने एकटा  गान खूब भालो गाई 
रोविंदरों दादार गान... 
(जोदी तोर डाक सुने केव ना तोबे एकला चलो रे..) 
साब, आमी गाते गाते आ रहा था तब देखा था !! 
साब देरी हो रहा है !! 
हम जा रहा है !! 
सुबह बात करता है ? 
साहब एक और बात... 
कोई बाहर से आवाज दे तो दरवाजा मत खोलना !! 
ठीक आछे दादा !! 
राजीव और राकेश दोनों डर के सहम गए थे, बस दोनों यही चाहते थे, कि किसी भी तरह ये रात बीत जाए !! 
सुबह की सबसे पहली गाड़ी से निकल जायेंगे !! 
लेकिन रात अभी बाकी थी !! 
 दोनों बिना खाए ऐसे ही सो गए !! 
लेकिन राजीव का नींद बार बार टूट रहा था !! 
जैसे कोई अनहोनी होने वाला है, कि इतने में किसी ने आवाज लगायी !! 
राकेश साब , 
       राजीव साब. 
आमी जॉयदीप है !!
 
राजीव हड़बड़ाते हुए उठा !! 
लाइट कट चुका था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ 
रह रह कर तेज बिजली की चमक रूम को अंधेरा  से और ढक दे  रहा था ll
राजीव मोबाइल का टॉर्च जलाया तो देखा रात के 12 बज रहे थे !! 
फिर उसे याद आया जॉयदीप का बात 
कोई भी आवाज दे दरवाजा मत खोलना !! 
राजीव डर से काँपने लगा !! 
तुरंत बिस्तर पर जाकर लेट गया !! 
उसने ये आवाज तीन बार सुना..... 
उसके बाद बंद हो गया !! 
उसके बाद राजीव सोया ही नहीं....
सुबह हो चुका था, सात बज गए लेकिन राजीव का दरवाजा खोलने का साहस नहीं हो रहा था !! 
इतने में फिर जयदीप का आवाज साहब... 
सुबह हो गया उठिए..... 
राजीव कुछ आवाज नहीं दिया !! 
 जॉयदीप का आवाज सुनकर राकेश उठ गया !! 
दरवाजा खोलने वाला ही था कि राजीव रोका सुनो... 
अबे राजीव तुम तो... 
    अबे रात में मैंने सुना था आवाज जॉयदीप दोनों को बुला रहा था !! 
मुझे क्यों नहीं जगाया, 
तुम सोए हुए थे !! 
. दरवाजा खुला तो सामने जयदीप था !! 
राजीव पूछने लगा !! 
जॉयदीप बाबु रात में आप बुला रहे थे !! 
 ना साहब रात में आमी 
  मैं नहीं था !! 
सिर काटा बच्चा होगा साब  !! 
रात में हर घर में आवाज देता है !! 
जो खोलता है, वो अगला सुबह नहीं देखता !! 


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