मुझे नहीं मालुम ये होता कैसे है,
बस इतना मालुम है, ये होता है l
कोई है, जो वक़्त के दूसरे छोर पर रहता है
शायद पहाड़ों पर, या फिर कह लो नदी के किनारे पर बहती है, या फिर बादलों के बीच रहती है l ओर फिर हमारे ही ख्यालों में रह कर छुप छुप कर हमसे बहुत कुछ कहती है l जिंदगी में अक्सर हमें ऐसे सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर देती है l जिसका जवाब हमारे पास नहीं होता, इसलिए जरूरत पड़ने पर, अपने सूझबुझ के हिसाब पर हम उन जवाबों को ढूँढने लगते हैं ! लेकिन कभी कभी ऐसा होता है, कि एक आवाज सुनाई देती है, शायद वो आवाज हमारे अंदर से आती है, या फिर दुर से गूँजती हुई, वक़्त ओर हालातों को चीरती हुई, हमारे सवालों के जवाब के साथ l सुनो एक ओर कोशिश करो !! शायद इस बार हो जाए जिस भी काम को करते हो उसे ख़त्म करो तुम्हें अच्छा लगेगा अक्सर मेरी सबसे प्यारी दोस्त की मीठी आवाज मेरे कानों में गूँजती है , रुक जाना नहीं, तु कहीं हार के !! ओ साथी, ओ साथी !! बेसक ये एक गाना है, लेकिन ये गाना मेरे मन को मजबुत बनाता है l ये बात अलग है कि हमारे हसीं, मुस्कुराते चेहरों के पीछे कई राज छुपे हैं l
©®नवीन किशोर महतो
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