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अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अधुरे शब्द

अतीत में कितना अजीब होता है, वो पल जब दोनों साथ जिए जाते हैं, तब अगर बेहद खुशनुमा हो अगर याद बन जाए तो अक्सर तकलीफ दे जाती है l वहीं बीते वक्त में की गई नादानीयाँ मुस्कराने की वज़ह बन जाती है l पर प्रेम में बिछड़ने वालों के लिए अतीत से बुरी शायद कोई चीज़ नहीं है l अक्सर वो यही चाहता है, काश कुछ ऐसा हो जाए जिनसे वो अपनी यादों में से उन लम्हों को निकाल दे, पर कुछ लोगों के लिए वही यादें जीने की वज़ह बन जाती है l उसने भी अपनी यादों को जीने की वज़ह बना लिया था l अतीत कभी इंसान का पीछा नहीं छोड़ता खासकर तब जब चोट गहरी लगी हो l अक्सर ऐसा होता है, जब हम किसी के प्यार की कहानी सुनते हैं,चाहे वो फिल्म, कहानी में ही क्यों न हो l कोई एक ऐसा किरदार अपनी जिंदगी में छाप छोड़ जाता है l वो इंसान उस वक्त याद आता है l मेरे लिए ये महज कहानी है,  लेकिन इस कहानी में तुम्हारे लिए अनजान शब्द का इस्तेमाल करना बेमानी होगा l तुम ही कहो जिस्म की बात मैं नहीं करता ये ओछी बात होगी, मैं ये कभी चाहता भी नहीं था, हमारा कोई जिस्मानी सम्बंध हो ll तुम तो आत्मा में समा चुकी हो, मैं तुम्हें अनजान नहीं कह सकता हुँ ll ले

कोरसोंग

हमलोग हैं पश्चिम बंगाल के बहुत ही सुंदर स्थान पर प्रकृति के गोद मेंं बसा छोटा सा जगह कोरसोंग का डॉल हिल स्टेशन !!  ये भारत का सबसे डरावनी जगह के रूप में जाना जाता है l कहानी अपने आप नहीं बनती है, हर कहानी में एक किरदार छिपा होता है !!  पर्दे के पीछे या फिर सामने खड़ा होता है !! हम पहचान नहीं पाते, उस रात बारिश बहुत तेज हो रही थी l जैसे अभी आसमान फटकर जमीन पर गिर जाएगा !!  बिजली की तेज चमक किसी तीव्र ज्वालामुखी की तरह अचानक चमक उठता, फिर शांत हो जा रहा था !!  मैंने कहा था,             आज निकलना सही नहीं है !!  अब देखो इस जंगल के विरान से रेस्ट हाउस में रात बिताना पड़ रहा है l यहाँ से कितना दुर होगा सिलीगुड़ी गूगल मैप में देखो न फालतु इस जगह पर ठहरें हैं जैसा लग रहा है l अबे, राकेश यहाँ से एक घंटा का रास्ता है, चलो निकलते हैं !!  मैंने सुना है, कोरसोंग भारत का सबसे भुतहा रोड है, यहाँ पर एक सिर कटा बच्चा रात में निकलता है !  बहुत सारे लोग मारे भी गए हैं l अबे तुम तो बेकार टेंशन लेते हो !!  राकेश झुंझला कर बोलने लगा......  इतने में विकास यू ट्यूब में कोरसोंग पर हुए घटन

बसेरा

बंद घरों की खिड़कियाँ    आवाज करती है !!      कोई था इस घर में बसेरा  उड़ा कर गया तिनका तिनका       ये कहती है !! बंद घरों की खिड़कियाँ  आवाज करती है !!  सुने कौन घरों की सिसकियाँ हवाओं ने अपना रुख बदला    दीवारों ने अपनी कान !!   पतझड़ है रिश्तों के मौसम में    हादसे दिलों में हुए    ठिकाने लोग बदले !!  अब मकान तेरा पुराना हुआ    फिर से नया बनाना होगा !!        मिट्टी के गारे नहीं    सोने का परत चढ़ाना होगा !!     होगा एक नया सबेरा     होगा एक नया बसेरा     ये घर, तेरा घर न रहा  अब किसी और का मकान है     उसे ये बतलाना होगा  !!   खिड़कियाँ बदल दी गई है अब अंदर से बाहर दिखता है  लेकिन बाहर से अंदर नहीं दिखता !!  ऐ अजनबी,    ये किसी भी नजर से तेरा घर नहीं दिखता !!  © नवीन किशोर महतो