कुछ रास्ते ऐसे होते हैं, जिन पर पैदल चलना अच्छा लगता है, मुझे लगता है, रास्ता हमेशा चलने के लिए बनाया जाता है l
सड़क कभी खत्म नहीं होते उनके साथ जुड़ते जाते हैं, कई छोटे छोटे सड़क !!
खासकर उन लोगों को जिन्हें लिखना पसंद है,
कहानी के अंत में बैठ कर सुस्ताना सड़क हो जाने जैसा है l
मुझे किसी भी सड़क का अंत नहीं दिखता, मैं हर तरफ चलने लगता हूँ, और एक नया सड़क बनकर तैयार हो जाता है l जब मैं सड़क पार करता हूँ, रुक कर जिंदगी के रफ्तार को गाड़ियों में देखता हुँ l
मुझे समझ नहीं आता, लोग भाग रहे हैं या फिर गाड़ी !!
सड़क पार करना अपने अतीत से दुर भागना या अतीत को रास्ता दिखाने जैसा होता है l
ताकि अपना अतीत किसी दूसरे व्यक्ति के साथ चिपक कर निकल जाए l
कई कहानी बीच रास्ते में दम तोड़ लेती है , जिन्हें सुरक्षित घर पहुँचना था l
मैं पैदल चलते हुए उन सभी कहानियों को अपने साथ लेकर चल रहा हूँ l
"सड़क के अंतिम छोर में मेरी सभी कहानियाँ कविताओं में बदल जाएगी
अपने अतीत का परछाई पानी में साफ साफ दिखता है l
पानी का कोई रंग नहीं होता लेकिन बिता कल गहरा रंग छोड़ता है l
कैसे एक वक्त का पत्ता दूसरे वक्त में आकर झड़ जाता है l उस सूखे पड़े वक्त को देखकर नहीं लगता कि ये हमारा जिया हुआ वक़्त था l
मैं बारिशों में दिनों को बीतते हुए देख रहा हूँ, जीने की उलझन क्या लिखे में सुलझाई जा सकती है l
एक छोटी चिड़िया, भटकी हुई खुशी की तरह सामने आ जाती है l अपने अतीत से कुछ घूंट पानी पी कर उड़ जाती है, मैं अपने कहानी का शायद वो चिड़िया हूँ !!
दिन का शोर रात के अंधेरे में धीरे धीरे खो रहा है, आसमान साफ है, चाँद फलक पर है, चारपाई पर बैठा मैं सोचता हूँ, चाँद से मेरे चारपाई का दूरी पता लगाना आसान हो सकता है, लेकिन लोगों से लोगों के बीच का दूरी पता करना कितना मुश्किल है l
भीड़ का एहसास अकेले में होता है !!
मैं कहानियों के लिए छत पर टहल रहा हूँ, मेरी परछाई मुझसे बार बार कह रही है l
थक गए हो बैठ जाओ - - -
¶ कहानी बाहर नहीं तुम्हारे भीतर है ¶
मुझे भूत - प्रेतों से डर नहीं लगता, ये विरोधाभास है !
लेकिन मैं इस कहानी को भूत - प्रेतों से दुर रखना चाहता हूँ l कल जो लोग हमारे साथ थे, एक वक्त के बाद अंधेरे में उनका साफ साफ दिखना अगर भूत है,
तो ऐसे बहुत से लोग मेरी आंखों के सामने तैर रहे हैं !!
जिनमें मेरा एक अच्छा दोस्त भी है
जो अचानक मेरे सामने खड़ा हो जाता है!
मैं कहता हूँ, तुम मेरे कहानी का हिस्सा नहीं हो
और वो गायब हो जाता है !!
जाज़पुर ( ओडिशा)
रात्री - 1:30
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