आदिवासी लड़की सोचती है !
हांडी माँजते माँजते !!
अपने भविष्य के दिनों में !
इस हांडी को कौन माँजेगा !!
जिसमें पूरे परिवार का चावल पकता है
फिर चुल्हे की राख समेटती है !!
और देखती है,
अपनी काले हाथों की लकीरों को !
ओर मन ही मन बुदबुदाती है !!
हांडी को माँजते माँजते
एक आदिवासी लड़की सोचती है !!
पलायन की बात अपने मन में
शहर की मजदूरी, गाँव से अच्छा है !!
गाँव के लोग, शहर से अच्छे हैं !!
असमंजस में पड़ी आदिवासी लड़की सोचती है !!
हांडी को माँजते माँजते
जंगल में महुआ के पेड़ कट चुके !!
कुसुम ओर पलाश की डालियों में
अब लाह के कीड़े नहीं बसते,
कैसे गुजारा होगा परिवार का
उसे डर है, लापता शहर में
आदिवासी लड़कियाँ लुप्त हो जाती हैं !!
गुमला की माया और खूँटी की सुगनी
शहर में ही लापता हुई थीं !
एक आदिवासी लड़की सोचती है !!
हांडी माँजते माँजते !!
अपने भविष्य के दिनों में !
इस हांडी को कौन माँजेगा !!
जिसमें पूरे परिवार का चावल पकता है
फिर चुल्हे की राख समेटती है !!
और देखती है,
अपनी काले हाथों की लकीरों को !
ओर मन ही मन बुदबुदाती है !!
हांडी को माँजते माँजते
एक आदिवासी लड़की सोचती है !!
पलायन की बात अपने मन में
शहर की मजदूरी, गाँव से अच्छा है !!
गाँव के लोग, शहर से अच्छे हैं !!
असमंजस में पड़ी आदिवासी लड़की सोचती है !!
हांडी को माँजते माँजते
जंगल में महुआ के पेड़ कट चुके !!
कुसुम ओर पलाश की डालियों में
अब लाह के कीड़े नहीं बसते,
कैसे गुजारा होगा परिवार का
उसे डर है, लापता शहर में
आदिवासी लड़कियाँ लुप्त हो जाती हैं !!
गुमला की माया और खूँटी की सुगनी
शहर में ही लापता हुई थीं !
एक आदिवासी लड़की सोचती है !!
A secret mountain boy
©Navinkishor
©Navinkishor
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