गाड़ी छूटने वाली है, साँस रुकने वाली है ! लहू-लुहान हुँ मैं ! घायल आत्मा है, किंतु धड़क रहा हुँ मैं ! मेरी आँखों में वो प्यास कहाँ ?? जो नदी की तरह बहती है ! किससे पूछूं, किससे न पूछूं ?? तुम इस समय के लिए हो जरूर ! मगर अफसोस यह समय तुम्हारा नहीं है !! गाड़ी छूटने वाली है, साँस रुकने वाली है !! हमेशा के लिए नष्ट कर दूँ ! तुम्हारी पुरानी पहचान, अब पता चला भोर होने वाली है !! बचा रखा है, कुछ बारिश की बूँदें, कुछ ओस की नमी, कुछ अधूरे शब्द कुछ एहसास, कुछ खामोशी, कुछ दर्द, अब पता चला भोर होने वाली है ! गाड़ी छूटने वाली है, साँस रुकने वाली है !! कैसा उलझन में हुँ, मैं ?? तुम्हारी यही अंश की बात दिल को चुभ जाती है ! मेरी सोच, मेरे एहसास जैसा हवा से, नदी से, आकाश से, मैं तुमसे इतना दूर , तो तुमसे इतनी मिलती क्यों है ?? A SECRET MOUNTAIN BOY ©Navinkishor