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दिसंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गहरे शब्द

विरासत

विरासत झकझोर करती  भविष्य भयावह लगती !!  नयी पीढ़ी की गर्म हवायें अनहोनी की दस्तक देती !!  दिखते नहीं बुजुर्गों के फोटो फ्रेम  भरी पड़ी है, अधनंग तस्वीरें दीवारों पर !  आँगन की तुलसी सुखी ! अर्ध्य की पुरानी लोटी डूबी  क्रोध के अग्नि में !  पानी हुआ खून का रिश्ता !  हर तरफ हैं, लोग मौन का चादर ओढ़े !  नयी पीढ़ी की गर्म हवायें !  दस्तक देती अनहोनी की !  खुन से लथपथ हाथों से शांति का पाठ पढ़ाते !  मन में जहर की बोतलें लिए फिरते लोग गली गली !  विरासत झकझोर करती !! भविष्य भयावह लगती !!  नयी पीढ़ी की गर्म हवायें,  अनहोनी की दस्तक देती !!  A secret mountain Boy  © Navinkishor

एक आदिवासी लड़की

आदिवासी लड़की सोचती है ! हांडी माँजते माँजते !! अपने भविष्य के दिनों में ! इस हांडी को कौन माँजेगा !! जिसमें पूरे परिवार का चावल पकता है फिर चुल्हे की राख समेटती है !! और देखती है, अपनी काले हाथों की लकीरों को ! ओर मन ही मन बुदबुदाती है !! हांडी को माँजते माँजते एक आदिवासी लड़की सोचती है !! पलायन की बात अपने मन में शहर की मजदूरी, गाँव से अच्छा है !! गाँव के लोग, शहर से अच्छे हैं  !! असमंजस में पड़ी आदिवासी लड़की सोचती है !! हांडी को माँजते माँजते जंगल में महुआ के पेड़ कट चुके !! कुसुम ओर पलाश की डालियों में अब लाह के कीड़े नहीं बसते, कैसे गुजारा होगा परिवार का उसे डर है, लापता शहर में आदिवासी लड़कियाँ लुप्त हो जाती हैं !! गुमला की माया और खूँटी की सुगनी    शहर में ही लापता हुई थीं ! एक आदिवासी लड़की सोचती है !! A secret mountain boy © Navin kishor

बिखरे हुए हैं, आप अपने घर में

                बिखरे हुए हैं, आप अपने घर में                  

अधूरे शब्द

गाड़ी छूटने वाली है, साँस रुकने वाली है ! लहू-लुहान हुँ मैं ! घायल आत्मा है, किंतु धड़क रहा हुँ मैं ! मेरी आँखों में वो प्यास कहाँ ?? जो नदी की तरह बहती है ! किससे पूछूं, किससे न पूछूं ?? तुम इस समय के लिए हो जरूर ! मगर अफसोस यह समय तुम्हारा नहीं है !! गाड़ी छूटने वाली है, साँस रुकने वाली है !! हमेशा के लिए नष्ट कर दूँ ! तुम्हारी पुरानी पहचान, अब पता चला भोर होने वाली है !! बचा रखा है, कुछ बारिश की बूँदें, कुछ ओस की नमी, कुछ अधूरे शब्द कुछ एहसास, कुछ खामोशी, कुछ दर्द, अब पता चला भोर होने वाली है ! गाड़ी छूटने वाली है, साँस रुकने वाली है !! कैसा उलझन में हुँ, मैं ?? तुम्हारी यही अंश की बात दिल को चुभ जाती है ! मेरी सोच, मेरे एहसास जैसा हवा से, नदी से, आकाश से, मैं तुमसे इतना दूर , तो तुमसे इतनी मिलती क्यों है ?? A SECRET MOUNTAIN BOY ©Navinkishor