मेरे हृदय के इतने टुकड़े हुए !!
फिर जोड़ न पाया
प्रेमिका नहीं पत्नी कहा
हम साथ जिएंगे वादा किया !!
अब कैसे दे दूँ ?
अपना दिल किसी ओर को
किसी लड़की को देख
मेरा दिल नहीं धड़कता
एक मौन उदासी का छा जाता है
मुझे नहीं पता सुन्दरता का रहस्य
मुझे महसुस नहीं होता !!
तुमसे सुन्दर, सुशील देखना भी नहीं चाहता
अगर कोई है !!
उसे देखने से पहले
मेरी आँखें अंधी हो जाए !!
मैं बंद आँखों से जीवनभर प्रतीक्षा करता रहूँगा
किसी पर्वत की तरह
जब तुम गुजरो रास्ते में कभी
दुर से निहारता रहूँ !!
©नवीन किशोर महतो
17 /09/2020
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